प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में मर्सिडीज मेबैक को शामिल किया गया है। यह कार सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी दमदार है। इसकी कीमत को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि नई कारें अपग्रेड नहीं की गई हैं, बल्कि इसको बीएमडब्ल्यू की जगह शामिल किया गया है। सूत्र ने यह भी बताया कि पीएम मोदी बीएमडब्ल्यू की जिस कार से चलते थे, कंपनी ने उस मॉडल को बनाना बंद कर दिया है।
6 साल में बदली जाती हैं कारें
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा विवरण में सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों को छह साल में बदलना होता है। मोदी के लिए करीब आठ वर्षों तक पिछली कारों का इस्तेमाल किया गया। ऑडिट रिपोर्ट में इसको लेकर आपत्ति जताई गई। रिपोर्ट में कहा गया कि सुरक्षा प्राप्त करने वाले के जीवन से समझौता हो रहा है।
एसपीजी लेती है खरीद का निर्णय
आपको बता दें कि सुरक्षा संबंधित सामानों की खरीद का निर्णय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के लिए खतरे की संभावना को देखते हुए किया जाता है। ये निर्णय एसपीजी द्वारा सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की राय लिए बिना स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं।
सूत्र ने कहा, “एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के काफिले में शामिल कारों की विशेषताओं पर व्यापक चर्चा राष्ट्रीय हित में नहीं है। इससे केवल सुरक्षा प्राप्त करने वाले के जीवन को खतरा होता है।”
क्या मोदी ने कहा कार खरीदने को?
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि मोदी ने कोई वरीयता नहीं दी है कि किन कारों का उपयोग किया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अतीत में रेंज रोवर्स का इस्तेमाल किया था जो वास्तव में तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए थे। बीएमडब्ल्यू द्वारा निर्मित कारें उन कारों में से हैं जिनका उपयोग प्रधानमंत्री द्वारा वर्षों से किया जाता है।