अमेरिका की ज्यादा से ज्यादा कंपनियां अपने उत्पादन और विनिर्माण इकाइयों को वापस अपने देश में वापस ला रही हैं. ऐसी क्या वजह रही है कि विदेशों से उनका मोहभंग हो गया है और वे उत्पादन इकाइयां फिर से देश के अंदर ला रही हैं?जब जॉनसन एंड जॉनसन ने जेम्स वाइनर को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया था, तो वह काफी निराश हुए थे. टेक्स्टाइल क्षेत्र से जुड़ी उनकी कंपनी शॉमुट कॉर्पोरेशन ने द्विपक्षीय आपूर्ति अनुबंधों की बदौलत अतीत में काफी पैसा कमाया था. हालांकि, 1990 के दशक के मध्य में जॉनसन ऐंड जॉनसन ने लागत में कटौती करने के लिए सुरक्षा से जुड़े उपकरण के उत्पादन की इकाई को एशिया में स्थानांतरित करने का फैसला किया. इसका नतीजा ये हुआ कि वाइनर सहित 250 कर्मचारियों को कंपनी छोड़नी पड़ी. मसैचुसेट्स में उनका संयंत्र अचानक खाली हो गया था. उन्होंने बिजनस मैगजीन फॉर्च्यून को बताया, “हमने देखा कि हमारा कारोबार हमारे देश से बाहर चला गया” जॉनसन ऐंड जॉनसन कोई अपवाद नहीं है. दशकों से, अमेरिकी कंपनियां सस्ते माल और श्रम की खोज में अपनी उत्पादन इकाइयों को विदेशों में स्थानांतरित कर रही हैं. वैश्वीकरण की वजह से कई उद्योगों की लागत और लाभ का मार्जिन कम हो गया है. आपूर्ति श्रृंखला में काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. सिस्टम से जुड़ीं कमियां जैसे-जैसे महामारी फैल रही है, लोग महसूस कर रहे हैं कि यह किस तरह की अजीब व्यवस्था है. सामान्य तौर पर, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी से उछाल कई घरेलू कंपनियों के लिए समस्या पैदा कर रहा है. ये ऐसी कंपनियां हैं जो कच्चे माल और आपूर्तिकर्ता की कमी की शिकायत कर रहे हैं. इनके लिए, माइक्रोचिप पाना काफी मुश्किल हो रहा है और इसकी जगह पर इस्तेमाल करने लायक दूसरे उत्पाद उपलब्ध नहीं हैं. विशेष रूप से छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए खराब आपूर्ति की समस्या तेजी से सिरदर्द बन रही है.