रचिन रविंद्र और एजाज पटेल ने मिलकर टीम इंडिया के जबड़े से जीत छीनकर कानपुर टेस्ट मैच को ड्रॉ पर खत्म किया। यह मैच टीम इंडिया के लिए कई मायनों में बहुत खास है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बिना टीम इंडिया ने यह मैच खेला और बैकफुट पर जाने के बावजूद शानदार वापसी की। श्रेयस अय्यर के शानदार डेब्यू और टीम इंडिया की स्पिन तिकड़ी के जबर्दस्त कमबैक के लिए इस टेस्ट मैच को सालों तक याद किया जाएगा। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम करने वाली कीवी टीम इस मैच में कई मौकों पर हावी नजर आई, लेकिन टीम इंडिया ने जबर्दस्त वापसी करते हुए मैच को आखिरी ओवर तक रोमांचक बनाए रखा। चलिए एक नजर डालते हैं इस टेस्ट मैच की पांच बड़ी बातों पर-
श्रेयस अय्यर का यादगार डेब्यू
विराट कोहली की गैरमौजूदगी में श्रेयस अय्यर को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। पहली पारी में जब वह बल्लेबाजी के लिए आए थे, तब टीम इंडिया ने 106 रनों तक तीन विकेट गंवा दिए थे, वहीं दूसरी पारी में जब वह क्रीज पर आए तब भारत का स्कोर 41 रन पर तीन विकेट था। दोनों मौकों पर उन्होंने दबाव में जिस तरह से 105 और 65 रनों की पारियां खेलीं, वह दिखाता है कि श्रेयस सिर्फ वाइट बॉल क्रिकेट के लिए नहीं बने हैं। टेस्ट डेब्यू में सेंचुरी और हाफसेंचुरी लगाने वाले अय्यर पहले भारतीय बल्लेबाज हैं। उनकी दोनों पारियों इसलिए ज्यादा खास हैं क्योंकि उन्होंने टीम इंडिया को दबाव से निकालकर विनिंग पोजिशन तक पहुंचाया।
स्पिन तिकड़ी का कमाल
पहली पारी में अक्षर पटेल (5), आर अश्विन (3) और रविंद्र जडेजा (1) ने मिलकर न्यूजीलैंड के 9 विकेट चटकाए। कीवी टीम का स्कोर एक समय 197 रन पर एक विकेट था और ऐसा लग रहा था कि मेहमान टीम पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया पर बढ़त हासिल जरूर कर लेगी, लेकिन अक्षर और अश्विन ने मिलकर कीवी टीम के इरादों पर पानी फेर दिया और अगले 100 रनों के अंदर बाकी सभी विकेट चटका डाले।
अश्विन ने भज्जी को छोड़ा पीछे
अश्विन इस मैच से पहले भारत की ओर टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर थे। हरभजन सिंह के खाते में 417 विकेट थे और अश्विन के खाते में 413 विकेट थे। इस मैच के दौरान अश्विन ने भज्जी को पीछे छोड़ दिया। अश्विन से आगे अब अनिल कुंबले और कपिल देव ही हैं। अश्विन ने महज 80 टेस्ट मैचों में हरभजन सिंह को पीछे छोड़ दिया है।
साहा ने दर्द में खेली सराहनीय पारी
साहा इस टेस्ट के दौरान ज्यादा समय विकेटकीपिंग नहीं कर पाए। उनकी गर्दन में अकड़न थी, लेकिन इसके बावजूद वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए आए और दर्द में ऐसी पारी खेली, जिसे सालों तक याद किया जाएगा। साहा ने 126 गेंद पर नॉटआउट 61 रनों की पारी खेली और टीम इंडिया की बढ़त को 280 रनों के पार पहुंचाया।
टिम साउदी की जोरदार गेंदबाजी और रचिन रविंद्र बने दीवार
इस टेस्ट मैच में टिम साउदी की गेंदबाजी को जरूर याद किया जाएगा। साउदी ने पहली पारी में पांच विकेट लिए और दूसरी पारी में उन्होंने तीन विकेट लिए। टीम इंडिया के टॉप बैटिंग ऑर्डर को परेशानी में डालने में टिम साउदी ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा दूसरी पारी में रचिन रविंद्र ने 91 गेंद पर नॉटआउट 18 रनों की पारी खेली। रचिन ने एजाज पटेल के साथ मिलकर आखिरी विकेट के लिए 50 से ज्यादा गेंद खेलकर न्यूजीलैंड के लिए मैच बचाया।