प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) का मानना है कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहेगी। अगले वित्त वर्ष में संपर्क-सघन और निर्माण क्षेत्रों की स्थिति सुधरने की भी उम्मीद जताई गई है। ईएसी-पीएम ने बृहस्पतिवार को अपने एक बयान में कहा कि अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर अच्छी रहने की संभावना का यह मतलब नहीं है कि 2022-23 के आम बजट में ऐसे ऊंचे कर राजस्व का अनुमान लगाया जाए, जिसे हासिल कर पाना संभव नहीं है।
बयान के मुताबिक, 2021-22 के आगे देखने पर ईएसी-पीएम के सदस्य 2022-23 में वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं। आधार प्रभाव के अलावा संपर्क-सघन तथा निर्माण क्षेत्रों की स्थिति भी अगले वित्त वर्ष में सुधरेगी।भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। पहले केंद्रीय बैंक ने 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि 2021 में भारत वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत और अगले साल 8.5 प्रतिशत रहेगी। बयान में कहा गया है, ”एक बार क्षमता इस्तेमाल में सुधार से निजी निवेश की स्थिति भी बेहतर होगी। ऐसे में हमारे सदस्यों का मानना है कि 2022-23 में वास्तविक वृद्धि 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहेगी।” ईएसी-पीएम की बृहस्पतिवार को हुई बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि निजीकरण के लिए भी एक स्पष्ट रूपरेखा होनी चाहिए।