305 दिनों तक कोरोना, 43 रिपोर्ट पॉजिटिव, अंतिम संस्कार की थी तैयारी…फिर ऐसे हुआ चमत्कार

एक ब्रिटिश शख्स ने लगातार 305 दिनों तक संक्रमित रहने के बाद कोरोना वायरस को हराकर सबको चकित कर दिया। यह संसार में कोरोना से सर्वाधिक समय तक जूझने के बाद जिंदा बचने का पहला मामला है। ब्रिस्टल निवासी 72 वर्षीय डेव स्मिथ ने बीमारी के दौरान हमेशा प्रार्थना करते रहे और अंत में उन्होंने कोरोना को हराकर सबको चौंका दिया। मेडिकल स्टाफ भी स्मिथ को ‘चमत्कारी’ व्यक्ति मानने लगा। स्मिथ से जुड़े इस प्रकरण के बाद एक बार फिर जीवन में प्रार्थना की अहमियत को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

अपनी संघर्ष गाथा को साझा करते हुए स्मिथ कहते हैं- लंबे संक्रमण के दौरान मैं हर समय प्रार्थना में लीन रहता था, यही सोचता था कि आगे कुछ बुरा होने वाला है, लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं। एक समय ऐसा लगने लगा था कि किसी ने प्लग खींच दिया है और शरीर से हर चीज, यहां तक कि जीवन, निकलता जा रहा है, इसके बावजूद प्रार्थना करना बंद नहीं किया, निराशा में नहीं डूबा।

पांच घंटे लगातार खांसी:
स्मिथ कहते हैं, ‘एक समय मुझे हद से अधिक कफ का सामना करना पड़ा, लगातार पांच घंटों तक खांसी नहीं रुकती थी। मेरा मतलब खांसी के बाद थोड़े समय के लिए राहत और फिर खांसी आने से नहीं है, मेरा मतलब खांसी, खांसी और लगातार पांच घंटे तक खांसी से है, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इससे शरीर पर कितना दबाव पड़ा होगा।’

कर ली अंतिम संस्कार की तैयारी :
बीमारी के दौरान मानसिक मजबूती और सकारात्मक सोच के सवाल पर स्मिथ ने कहा- मैंने खुद को तैयार कर लिया था, मैंने परिवार के सभी लोगों को बुलाया और सबके प्रति स्नेह जताकर गुडबॉय किया, मैंने इस बात की भी सूची बनाई कि मेरे अंतिम संस्कार में कौन सा संगीत बजेगा।

सकारात्मक सोच:
स्मिथ का वजन बीमारी के दौरान 60 किलोग्राम घट गया और कमर का आकार 44 इंच से घटकर 28 इंच हो गया। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी और सोच को हमेशा सकारात्मक रखा।

पत्नी ने कई बार छोड़ी आस:
परिवार ने स्मिथ के जिंदा रहने की उम्मीद छोड़ दी थी। उनकी पत्नी लिंडा कहती हैं-बीमारी के दौरान स्मिथ के जिंदा रहने को लेकर मेरी उम्मीद कई बार टूटी, एक साल किसी नर्क से कम नहीं रहे, हमारे पास सीमित विकल्प थे।

43 बार कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट:
10 महीने तक चली इस लंबी जंग के दौरान स्मिथ को 43 बार पॉजिटिव पाया गया। संक्रमण दूर नहीं होने पर उन्हें विशेष एंटीबॉडी इलाज दिया गया। पेशे से ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर और संगीतज्ञ स्मिथ पिछले साल मार्च में ही संक्रमित हो गए थे।

कैंसर से भी लड़े :
कोरोना से जूझ रहे स्मिथ की मुश्किलें कैंसर के कारण और बढ़ गई थीं। रक्त कैंसर और केमोथेरेपी के कारण उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी। लेकिन स्मिथ ने हौसला नहीं छोड़ा और बीमारी से लड़ते रहे।

वही दवा दी जिससे ठीक हुए थे ट्रंप:
स्मिथ का इलाज डॉक्टर उसी एंटीबॉडी कॉकटेल से कर रहे थे, जिससे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सफल इलाज किया गया था। इसके बाद हालत में सुधार होने लगा और स्मिथ ठीक हो गए।

वैज्ञानिक अध्ययन को मजबूर:
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने स्मिथ प्रकरण के बाद नए सिरे से अध्ययन शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस एक ही व्यक्ति के शरीर में रहकर खुद में बदलाव (म्यूटेशन) ला सकता है या नहीं ।

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