अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिकी सेना के जाने के बाद अफगान सेना देश की रक्षा कर सकती हैं लेकिन सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या उनमें तालिबान के खिलाफ भीषण लड़ाई लड़ने की इच्छाशक्ति है।
तालिबान के अफगानिस्तान के उत्तरी इलाकों में आगे बढ़ने के कारण हाल के दिनों में हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर भाग गए हैं। पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि अफगान सेना तालिबान को खदेड़ सकती हैं लेकिन यह ”इच्छाशक्ति का मामला” है। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा, ”मैंने टीवी पर देखा कि करीब 22-23 साल के अफगान पुरुष कहते हैं कि यहां रहना बहुत खतरनाक हो गया है, मैं बाहर जाना चाहता हूं। उन्होंने कहा, “उन अफगानों को कहना यह चाहिए था कि यहां रहना वास्तव में बहुत खतरनाक है, मुझे एक एम-16 दो।”
उन्होंने अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले की तारीफ की लेकिन कहा कि उन्हें चिंता है कि इस प्रक्रिया में अमेरिका के आतंकवाद रोधी अभियान को नुकसान पहुंच सकता है।