गुरुग्राम के पटौदी स्थित रामलीला मैदान में चार जुलाई को धर्मांतरण को लेकर आयोजित की गई एक महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किए गए रामभ क्त गोपाल शर्मा की जमानत याचिका गुरुग्राम की अदालत ने खारिज कर दी है। गोपाल शर्मा के वकील ने कहा कि वह जमानत के लिए अब सेशन कोर्ट में अपील करेंगे।
गोपाल शर्मा पर 2020 में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक समूह पर पिस्तौल से फायरिंग कर दी थी, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया था।
गुरुवार को पटौदी के कोर्ट नंबर 2 में जज मोहमद साबिर के समक्ष गोपाल शर्मा की जमानत को लेकर सुनवाई पूरी हुई। सुनवाई के बाद जज ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
गांव जमालपुर निवासी दिनेश ने पुलिस को शिकायत दी थी कि चार जुलाई को पटौदी के रामलीला मैदान में महापंचायत का आयोजन हुआ था। महापंचायत में गोपाल शर्मा उर्फ राम भक्त गोपाल ने भड़काऊ भाषण दिया था। उनको आशंका है कि भाषण से दंगे भड़क सकते हैं और कानून-व्यवस्था भी खराब हो सकती है।
महापंचायत में उनका भाषण धार्मिक भावनओं को भड़काने वाला था। उनका भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसका लिंक पुलिस को भेजा गया था। इस महापंचायत में सैकड़ों लोगों के मौजूद होने की बात बताई गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर रामभक्त गोपाल शर्मा को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था।
गौरतलब है कि चार जुलाई को पटौदी के रामलीला मैदान में लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर महापंचायत हुई थी। महापंचायत में सैकड़ों लोग मौजूद थे और दिल्ली-एनसीआर से भी काफी लोग शामिल होने के लिए आए थे। हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता और करणी सेना के अध्यक्ष सूरज पाल अम्मू ने भाग लिया था।
गुरुग्राम पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रविवार को विभिन्न धाराओं में पटौदी थाने में मामला दर्ज किया था। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का इरादा) और किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।