चीन की मदद से अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन हासिल कर रहा पाकिस्तान प्रॉक्सी वार में नई चुनौती बन रहा है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की पुख्ता जानकारी है कि पाकिस्तान को चीन और तुर्की से नई तकनीकी वाले ड्रोन मिल रहे हैं, जो रात और दिन दोनों वक्त कार्रवाई में सक्षम हैं। साथ ही इनको राडार के जरिये पकड़ना भी आसान नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि जम्मू की घटना एक तरह से आंख खोलने वाली है क्योंकि ड्रोन के जरिये हथियार भेजने की घटनाओं के बाद ड्रोन हमले की शुरुआत हो चुकी है। एजेंसियों का मानना है कि अगर पाकिस्तान अपनी आतंक को समर्थन देने की नीति के तहत अत्याधुनिक ड्रोन आतंकी गुटों को मुहैया कराता है तो सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौती खड़ी होगी। जम्मू की घटना के बाद इस तरह की आशंकाओं को बल मिला है कि आतंकवादी गुट ड्रोन हमले की क्षमता से लैस हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान को चीन के अलावा तुर्की से नाटो द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन भी मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान को चीन मोहरे के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने नए तकनीकी क्षमता वाले घातक तरह के हथियार और उपकरण पाकिस्तान को मुहैया कराए हैं जिनका मकसद में अस्थिरता के माहौल को बनाए रखना है, जिससे भारत इस फ्रंट से निश्चिंत न हो पाए। सूत्रों ने कहा कि सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान आतंक को समर्थन की नीति नहीं छोड़ा।
अत्याधुनिक ड्रोन हासिल करने की फिराक में पाकिस्तान
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान आधुनिक ड्रोन सीएच-4 यूसीएवी, अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल भी चीन से हासिल करने में लगा है। ये बेहद घातक लड़ाकू ड्रोन माना जाता है। जो तेजी से हमला करने में सक्षम है और इसकी जासूसी की रेंज काफी ज्यादा है। इससे 350 किलोग्राम तक वजनी हथियार साथ ले जा सकता है। इसे रात और दिन दोनों ही समय काम कर सकता है।
पर्दे के पीछे से साजिश में जुटा चीन
पाकिस्तान की नौसेना को भी चीन मजबूत करने में जुटा है। दरअसल, सीमा पर भारत का आक्रामक रुख चीन को रास नहीं आया है। इसलिए वह पर्दे के पीछे से भारत के खिलाफ साजिश में जुटा है। उसकी तरफ से पाकिस्तान को हरसंभव मदद दी जा रही है, जिससे कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी हरकतों में कमी न हो।
पाकिस्तान के पास अत्याधुनिक स्टेल्थ ड्रोन
बीएसएफ के पूर्व एडीजी पीके मिश्रा का कहना है कि पाकिस्तान के पास अत्याधुनिक किस्म के स्टेल्थ ड्रोन है। उसे चीन और तुर्की दोनों से ड्रोन मिल रहे हैं। ये ड्रोन कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के जरिये लक्ष्य पर मिसाइल की तरह हमले करके वापस जाने में सक्षम है। उन्होंने कहा, हथियार भेजने के लिए तो पुराने किस्म के ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान की तरफ से किए जाने की बात पहले सामने आ चुकी है। ये ड्रोन गिर जाते थे। लेकिन अब स्टील्थ ड्रोन ज्यादा खतरनाक हैं। जम्मू में भी इसी तरह के ड्रोन के इस्तेमाल की आशंका है हालांकि, अभी इसके स्रोत कि ये कहां से आया और प्रकृति यानी किस तरह का ड्रोन था ये जांच जारी है।