नोएडा की एक युवती के मोबाइल फोन का ओटीपी हैक करके दो लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया। जब युवती ने अपने लिए रजिस्ट्रेशन किया तो उसे इस फर्जीवाड़े का पता चला। साइबर सेल ने शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। दादरी के मायचा गांव निवासी चंचल शर्मा गाजियाबाद के एक कॉलेज से मास्टर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई कर रही है। उसने बताया कि उनके मोबाइल पर मई महीने में एक मैसेज आया था। इसमें लिखा था कि आपका कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन हो गया है। 16 मई टीकाकरण की तारीख दी गई थी। युवती ने उस मैसेज को अनदेखा कर दिया। सोमवार को उसकी बहन ने कहा कि कोरोना के टीके के लिए रजिस्ट्रेशन कर लो। इस पर जब उसने अपना रजिस्ट्रेशन फार्म भरना शुरू किया तो पोर्टल पर लिखा आया कि आप टीका लगवा चुके हैं।
सीएम को ट्वीट किया : युवती ने तुरंत ट्वीट किया कि दो लोगों ने उनके मोबाइल का ओटीपी हैक करके कोरोना का टीका लगवा लिया है। इसमें युवती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस को टैग किया। इसके बाद नोएडा पुलिस हरकत में आई। एडीसीपी रणविजय सिंह ने युवती से संपर्क किया। फिर युवती ने सारी जानकारी दी।
राम कुमार और अर्जुन नाम के युवकों ने लगवाया टीका : जांच में सामने आया है कि राम कुमार और अर्जुन नाम के युवकों ने टीके लगवाए हैं। इनके नाम युवती ने पुलिस को बताए हैं। आरोपियों ने आरोग्य सेतु ऐप से रजिस्ट्रेशन किया था। ऐप पर ही दोनों के नाम ही सामने आए हैं। पुलिस ने दोनों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। पीड़िता का कहना है वह इन दोनों को नहीं जानती।
फोटो लगा पहचान पत्र अनिवार्य : टीका रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को फोटो लगा कोई भी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य होता है। इसके तहत डीएल, पेन कार्ड, पासपोर्ट, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी पासबुक, आधार कार्ड, पहचान पत्र या वोटर आई कार्ड में से कोई भी एक पहचान पत्र जमा करना होता है।
2018 से युवती इस्तेमाल कर रही नंबर
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि युवती का मोबाइल नंबर 2018 से प्रयोग में है। पुलिस को आशंका थी कि यदि हाल ही में नंबर जारी कराया गया होगा तो आरोपियों से उसका डुप्लीकेट सिम निकलवाया होगा। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने युवती के दस्तावेजों का प्रयोग कर नंबर अपने नाम पर जारी करा लिया। इसी के चलते रजिस्ट्रेशन के समय युवती के पास कोई ओटीपी नहीं आया।
… तो जांच की जरूरत
उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर क्राइम एक्सपर्ट कर्मवारी सिंह ने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगाने के समय आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन होता है। इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी आता है, उसके बाद ही रजिस्ट्रेशन पूरा होता है। वैक्सीन लगते ही संबंधित नंबर पर मैसेज जाता है। अगर ऐसा मामला हुआ है तो यह कोई तकनीकी खामी हो सकती है और अगर तकनीकी खामी नहीं है तो इस मामले में गहन जांच की आवश्यकता है क्योंकि अभी तक इस तरह का कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है।
”दो लोगों ने युवती के फोन पर ओटीपी हैक कर कोरोना का टीका लगवाया है। युवती ने जब खुद टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन किया तो उसे इस बारे में पता चला। उसका कहना है कि वह दोनों को नहीं जानती है। मामला साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया गया है।” -रणविजय सिंह, एडीसीपी
स्वास्थ्य विभाग की मदद लेंगे
पूरे मामले को समझने के लिए अब पुलिस स्वास्थ्य विभाग की मदद लेगी ताकि यह पता चल सके कि दोनों आरोपियों ने युवती के मोबाइल नंबर का प्रयोग करके कैसे टीका लगवा लिया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।