केरल में वित्तीय संकट के बीच मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत करवाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की एलडीएफ सरकार पर मुख्यमंत्री आवास में एक करोड़ का काम करवाने को लेकर निशाना साधा है। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के पीटी थॉमस ने यह जानना चाहा कि सरकार ने एक तरफ जहां वित्तीय घाटे से उबरने के लिए राज्य में कठिन आर्थिक नियम लागू कर दिए हैं तो वह सीएम के बंगले को नया बनाने पर एक करोड़ रुपये कहां से खर्च कर रही है।
थॉमस ने कहा कि केरल के वित्त मंत्री ने यह आश्वासन दिया था कि राज्य में संयमित खर्च होंगे। इसलिए, उन्हें अब यह बताना चाहिए कि खर्च में कटौती और मुख्यमंत्री आवास पर करोड़ों का खर्च, दोनों एक साथ कैसे हो रहे हैं।
हालांकि, वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने विपक्ष की ओर से की जा रही इन आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि सरकार खर्च घटाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मरम्मत करवाकर ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण भी सरकार ही काम है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी इमारते हैं जो 100 से 120 साल पुरानी हैं और उनमें से एक क्लिफ हाउस (सीएम आवास) भी है, जहां मरम्मत करवाना जरूरी है।
वित्त मंत्री बालगोपाल ने यह भी कहा कि फिजूल खर्च न करने का अर्थ यह नहीं कि सरकार जरूरी खर्चों से भी बचे।
बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि केरल की एलडीएफ सरकार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सरकारी आवास में 90 लाख से ऊपर की लागत के साथ मरम्मत करवा रही है। इसके लिए उत्तरी केरल के उरालुंगल लेबर सोसायटी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, वह भी बिना टेंडर निकाले। बता दें कि सीएम आवास यानी क्लिफ हाउस को बने 79 साल हो चुके हैं। 1957 में केरल के राज्य बनने के बाद से ही अधिकतर मुख्यमंत्रियों का आधिकारिक आवास यही रहा है।