अब क्राइम ब्रांच सुशील कुमार के खिलाफ मोबाइल फुटेज एवं गवाहों के बयान के आधार पर जांच करेगी। इसी को अपनी जांच का आधार बनाएगी। वहीं बुधवार को सुशील एवं अजय की पुलिस हिरासत अवधि खत्म हो रही है। जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुशील एवं अजय को लेकर सोनीपत-हरिद्वार एवं पंजाब के अन्य ठिकानों पर पुलिस गई थी। लेकिन न तो मोबाइल मिला और न ही वारदात में प्रयुक्त डंडा एवं सुशील के कपड़े। यहां तक कि डीवीआर भी नहीं मिली जिसमें वारदात के दौरान के अहम सबूत छिपे हुए थे।
पुलिस अधिकारी का कहना था कि सुशील कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। माना जा रहा है सुशील द्वारा प्रयुक्त सिम कार्ड को भी तोड़कर नष्ट कर दिया गया है। अब इसके बाद पुलिस के पास गिरफ्तार आरोपी प्रिंस दलाल द्वारा बनाई गई वीडियो फुटेज और सोनू एवं अमित के बयान ही आधार हैं। इसके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ मौके पर मौजूद वाहन, मोबाइल फोन एवं लाइसेंसी बंदूक को अहम सबूत माना जा रहा है।
महिला खिलाड़ी से भी होगी पूछताछ
जब स्पेशल सेल ने सुशील एवं अजय को गिरफ्तार किया था तब वो स्कूटी से मुंडका इलाके में घूम रहे थे। यह स्कूटी सुशील की महिला मित्र की थी जो राष्ट्रीय स्तर की हैंडबाल खिलाड़ी थी। अब पुलिस महिला खिलाड़ी को भी सुशील की मदद करने के आरोप में नोटिस देकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाएगी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सबूत मिलने पर एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा।
साक्ष्य मिटाने की धारा जोड़ी गई
अब पुलिस सुशील कुमार के खिलाफ साक्ष्य मिटाने की धारा भी दर्ज की गई है। दरअसल, वारदात में प्रयुक्त डंडा, मोबाइल फोन एवं अन्य सबूत नष्ट करने की जानकारी सामने आई है। इन्हें सुशीलके कहने पर नष्ट किया गया था। इसलिए साक्ष्य मिटाने की धारामें मुकदमा दर्ज किया गया है।
सुशील कुमार एवं नवनीत कालरा के आर्म्स लाइसेंस निलंबित
दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार और कारोबारी नवनीत कालरा के हथियार लाइसेंस सोमवार को निलंबित कर दिए हैं। अब पुलिस उन्हें रद्द करने की कार्रवाई कर रही है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (लाइसेंसिंग) ओपी मिश्रा ने बताया कि दोनों के हथियार तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं। उनके लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्हें नोटिस जारी करके यह बताने को कहा गया है कि उनके लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किए जाने चाहिए।
पुलिस दोनों के खिलाफ हाल में दर्ज आपराधिक मामलों में संबंधित जांच एजेंसी और स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि सुशील कुमार और उनके साथियों ने यहां छत्रसाल स्टेडियम में चार और पांच मई की बीच रात को पहलवान सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों सोनू और अमित कुमार पर हमला कर दिया था। बाद में चोटों के कारण सागर की मौत हो गई थी।
स्पेशल सेल ने सुशील एवं उसके साथी अजय को 23 मई को बाहरी दिल्ली के मुंडका से गिरफ्तार किया गया था। दो बार ओलंपिक पदक जीत चुके कुमार इससे पहले करीब तीन हफ्तों तक फरार रहे। दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन सांद्रक कालाबाजारी मामले में कालरा को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कालरा के टाउन हॉल, खान चाचा और नेग एंड जू रेस्तरां पर छापेमारी में 524 ऑक्सीजन सांद्रक जब्त किए थे, जोकि कोविड-19 मरीजों के लिए बेहद आवश्यक मेडिकल उपकरण है।
दिल्ली की एक अदालत ने कालरा की जमानत शनिवार को मंजूर कर ली थी। पुलिस ने दावा किया कि ऑक्सीजन सांद्रक चीन से मंगाए गए और इन्हें इनकी कीमत 16,000 से 22,000 रुपये से कहीं ऊंचे दामों पर 50,000 से 70,000 रुपये में बेचा गया।