कांग्रेस को भारी पड़ा PM मोदी को घेरना, मणिपुर की पर्यावरण कार्यकर्ता ने ट्वीट कर दागा सवाल

महिला सुरक्षा, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और महिलाओं की बेरोजगारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पयार्वरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कान्गुजम के ट्वीट के बहाने घेरने की कोशिश खुद कांग्रेस पर भारी पड़ गई। दरअसल, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरते हुए शनिवार (7 मार्च) को आरोप लगाया कि वह महिला सशक्तीकरण के नाम पर दिखावा कर रही है। कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार को निशाना बनाया।

एक ट्वीट में उसने लिखा है, “महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के दिखावटी प्रेम और पाखंड को बहादुर पयार्वरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कान्गुजम ने उजागर कर दिया है। प्रधानमंत्री का (एक दिन के लिए उनके सोशल मीडिया पेज के संचालन का) प्रस्ताव ठुकराने के बाद उसने कहा है कि किसी ट्विटर अभियान से ज्यादा जरूरी है कि उसकी बात सुनी जाए।” इस ट्वीट के साथ ही पार्टी ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर का लिंक साझा किया है जिसमें कहा गया है कि मणिपुर की आठ साल की बच्ची लिसिप्रिया ने उनके सोशल मीडिया अकाउंट के संचालन का प्रधानमंत्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

हालांकि, यह ट्वीट उल्टा कांग्रेस को ही भारी पड़ गया और लिसिप्रिया कान्गुजम ने उनसे सवाल पूछ लिया । इतना ही नहीं, मणिपुर की पर्यावरण कार्यकर्ता ने कांग्रेस से यह भी कहा कि वे उनका इस्तेमाल ना करें। कान्गुजम ने कहा, “ठीक है कांग्रेस, आप मेरे लिए सहानुभूति महसूस करते हैं। यह अच्छा है। चलिए, अब मुद्दे पर आते हैं। संसद सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आपके कितने सांसद मेरी मांगों को रखने वाले हैं? मैं यह भी नहीं चाहती कि आप सिर्फ ट्विटर कैम्पेन के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल करें? मेरी आवाज पर कौन ध्यान दे रहा है?”

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (2 मार्च) को एक ट्वीट के जरिए कहा था कि वह सोशल मीडिया छोड़ने की सोच रहे हैं। लेकिन एक दिन बाद ही मंगलवार (3 मार्च) को उन्होंने खुलासा किया कि आठ मार्च को महिला दिवस पर वह अपना अकाउंट ऐसी महिलाओं को देंगे, जिनका जीवन हमें प्रेरित करता है। इसके बाद MyGovIndia ट्विटर हैंडल पर लिसिप्रिया कान्गुजम का जिक्र करते हुए लिखा गया, “मणिपुर की बाल पयार्वरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कान्गुजम। 2019 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बाल पुरस्कार, विश्व बाल शांति पुरस्कार और एक भारत शांति पुरस्कार। क्या यह हमें प्रेरित नहीं करती हैं? क्या आप ऐसे किसी को जानते हैं?”

इसके जवाब में 8 साल की मणिपुर की बाल पयार्वरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कान्गुजम ने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, अगर आप मेरी आवाज नहीं सुनते हैं, तो कृपया मेरे लिए खुशी न मनाएं। आपकी पहल #SheInspiresUs के तहत देश की प्रेरणादायी महिलाओं में मुझे चुनने के लिए आपका धन्यवाद। कई दफा सोचने के बाद, मैंने इसे ठुकरा दिया है ….।”

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