सोनाली गुहा के बाद दो और नेताओं ने की TMC में घर वापसी की बात, कहा- दीदी को छोड़कर गलती की

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत के साथ ही एक बार फिर से नेताओं के दलबदल का सिलसिला शुरू होता दिख रहा है। बंगाल विधानसभा की पूर्व डिप्टी स्पीकर सोनाली गुहा ने शनिवार को कहा था कि वह टीएमसी में वापस जाना चाहती हैं। अब टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले दो और नेताओं ने ममता बनर्जी के पाले में आने की बात कही है। मालदा जिला परिषद की सदस्य सरला मुर्मू का कहना है कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है और वह अब वापस आना चाहती हैं। उनके अलावा उत्तर दिनाजपुर से पूर्व विधायक अमोल आचार्य ने भी टीएमसी में वापसी की बात कही है। आचार्य का कहना है कि टीएमसी के सीनियर नेताओं के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई गलत है और इस वजह से ही वह बीजेपी छोड़ना चाहते हैं।

सरला मुर्मू को टीएमसी की ओर से विधानसभा चुनाव में हबीबपुर सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था। हालांकि चुनाव से पहले ही उन्होंने शुभेंदु अधिकारी के कहने पर बीजेपी का दामन थाम लिया था। लेकिन समीकरण उलटे बैठे और टीएमसी ने जिले की 12 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की। अब सरला मुर्मू ने एक बार फिर से अपनी पुरानी पार्टी में लौटने का फैसला लिया है और नेताओं से संपर्क साधा है। उनका कहना है कि टीएमसी छोड़ना उनकी गलती थी। सरला मुर्मू ने कहा, ‘बीजेपी जॉइन करना मेरी गलती थी। अब जब सीएम ने पार्टी छोड़ने वालों से वापस आने की अपील की है तो मैं पार्टी में लौटना चाहती हूं।’

वहीं अमोल आचार्य की बात करें तो इस बार उन्हें नामांकन से रोक दिया गया था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था, वहां भी उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। अब वह एक बार फिर से टीएअसी में वापस आने की तैयारी में हैं। आचार्य ने कहा, ‘मैंने हमेशा ममता बनर्जी को अपना लीडर माना है। लेकिन मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मुझे नॉमिनेशन से रोक दिया जाएगा। मैं इस बात से दुखी था और बीजेपी में चला गया था। यह मेरी गलती थी। अब बीजेपी सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हाकिम और अन्य नेताओं के खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है। इससे वह उजागर हो गई है। मैंने सीएम को पत्र लिखकर माफी मांगी है। मुझे उम्मीद है कि वे माफ कर देंगी।’

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