कलकत्ता हाईकोर्ट नारद स्टिंग टेप मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता की याचिकाओं पर आज यानी बुधवार को सुनवाई करेगा, जिसमें उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक के आदेश को निरस्त करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनर्विचार का अनुरोध किया गया है। सीबीआई अदालत ने इन लोगों को जमानत दी थी मगर उच्च न्यायालय ने जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी।
मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता शोभन चटर्जी की ओर से पेश वकीलों ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अगुवाई वाली पीठ के सामने इस विषय पर मंगलवार को उल्लेख किया। न्यायमूर्ति बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने उन्हें आदेश वापस लेने संबंधी याचिकाओं को दायर करने की मंजूरी दी।
इस बात की भी संभावना है कि पीठ इसके साथ ही सीबीआई की उस याचिका पर भी सुनवाई कर सकती है जिसमें उसने नारद स्टिंग मामले की सुनवाई स्थानांतरित करने की मांग की है। सोमवार को विशेष सीबीआई अदालत से इन चारों को जमानत मिलने के शीघ्र बाद सीबीआई उच्च न्यायालय पहुंच गई थी। निचली अदालत से मिली जमानत पर स्थगन लगाते हुए उच्च न्यायालय ने सोमवार शाम को इस मामले की अगली सुनवाई का दिन बुधवार तय किया था।
नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक जैसी शक्ल के लोग लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे। ये टेप 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से महज कुछ पहले सार्वजनिक किये गये थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।