हम में से अधिकांश अपने अतिरिक्त पैसे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बचत खाता में रखते हैं। बचत खाते पर एफडी के मुकाबले कम ब्याज मिलता है लेकिन आसान निकासी विकल्प के कारण इसका चयन करते हैं।
ऐसे में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मल्टी बहु विकल्प जमा योजना (मोड्स) बेहतर विकल्प है। मोड्स टर्म डिपॉजिट की तरह है जो बचत या चालू खाते से जुड़ा रहता है। सामान्य टर्म डिपॉजिट्स से पैसे निकालने के लिए उसे पूरी तरह बंद करना पड़ता है, लेकिन मोड्स खाते से 1 हजार रुपये के गुणक में अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे निकाल सकते हैं।
पैसे निकालने के बाद जो पैसे खाते में शेष रहेंगे, उस पर टर्म डिपॉजिट्स की दर से ब्याज मिलता रहेगा। यह ब्याज दर बैंक द्वारा निर्धारित समयावधि के लिए तय की जाती है। मोड्स खाता खोलने के लिए अपनी नजदीकी शाखा पर संपर्क कर सकते हैं या ऑनलाइन एसबीआई के माध्यम से इसे शुरू कर सकते हैं।
मोड्स खाता की खासियत
- इस खाते में कम से कम एक वर्ष और अधिक से अधिक पांच वर्ष के लिए जमा कर सकते हैं।
- मोड्स के तहत न्यूनतम 10 हजार रुपये में खाता खोला जा सकता है और इसके बाद एक हजार रुपये के गुणक में इसमें जमा किया जा सकता है। जमा की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है।
- इस खाते में जमा पर ब्याज टर्म डिपॉजिट्स की तरह ही मिलता है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.5 फीसदी की दर से ब्याज अधिक मिलता है।
- किसी को नॉमिनी भी बना सकते हैं।
- इस खाते पर कर्ज लेने की सुविधा भी है।
- एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में इस खाते को ट्रांसफर कर सकते हैं।
जुड़े हुए खाते में न्यूनतम जमा होना जरूरी
मोड्स से जुड़े खाते में न्यूनतम जमा तीन हजार होना जरूरी है। अगर ऐसी परिस्थिति आती है कि यह राशि कम हो जाती है तो सिस्टम खुद ही एमओडी तोड़कर न्यूनतम राशि के स्तर को बनाए रखेगा। अगर एमओडी में भी पर्याप्त राशि नहीं है कि लिंक्ड खाते में न्यूनतम जमा राशि के स्तर को बनाया न रखा जा सके तो ग्राहक को पेनाल्टी देनी होगी। पेनाल्टी राशि शाखा लोकेशन के आधार पर निर्धारित होगी।
ब्याज दर का निर्धारण
मोड्स खाते में जमा रकम पर एफडी की दर से ब्याज का भुगतान किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी को देंखे तो बचत खाते के मुकाबले दोगुना ब्याज पाने का विकल्प मोड्स खाते के तहत ले सकते हैं।