3 चरणों में खुलें स्कूल:एक से 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए 1 जनवरी से खोले जा सकते हैं स्कूल

प्रदेश में विद्यालय व कोचिंग संस्थानों को चरणबद्ध रूप से खोलने के लिए गृह विभाग ने गाइडलाइंस का प्रारूप तैयार कर लिया है। अब इस प्रारूप पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के सुझाव मांगे गए हैं। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अभय कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी कलेक्टर्स से भी संस्थानों के प्रबंधन के साथ विचार-विमर्श कर सुझाव भेजने के लिए कहा गया है।

वहीं, शिक्षा विभाग ने पिछले 8 महीने से बंद पड़े स्कूलों को 3 चरणों में खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। इसमें पहले चरण में 2 नवंबर से 10वीं, 12वीं कक्षाओं को बुलाए जाने की योजना है। इसके बाद कक्षा 6, 7, 8, 9 व 11 के विद्यार्थियों को 1 दिसंबर से और पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को 1 जनवरी से स्कूल बुलाया जा सकता है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने को लेकर भी विस्तृत एसओपी तैयार करके सरकार को भिजवाई है।

इसमें 15 मई तक स्कूलों में पढ़ाई कराकर कार्यदिवसों के नुकसान का भरपाई करने, दीपावली अवकाश को कम करने, शीतकालीन अवकाश को खत्म करने का प्रस्ताव शामिल हैं। अब स्कूलों को खोलने का निर्णय सरकार को लेना है।

सरकार को जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसके मुताबिक अलग-अलग कक्षाओं के आगमन व प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखा जाएगा। ताकि संक्रमण का खतरा कम से कम किया जा सके। स्कूलों में मास्क भी अनिवार्य होगा।

2 नवंबर से 15 मई तक 157 कार्यदिवस संभव; सर्दी-गर्मी की छुटि्टयां नहीं होंगी

2 नवंबर से 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल खोले जाने पर दीपावली अवकाश कम करने का भी प्रस्ताव है। दीपावली अवकाश 14 नवंबर से 16 नवंबर तक ही रखा जाए। इसके साथ ही इस बार शीतकालीन अवकाश को भी समाप्त और आगामी ग्रीष्मकालीन अवकाश को भी कम करने का प्रस्ताव है। साथ ही राजपत्रित, रविवार के अवकाश के अतिरिक्त कोई अन्य अवकाश नहीं किया जाए। चालू सत्र 2020-21 को 15 मई तक रखा जाए और कार्यदिवसों की भरपाई के लिए इस दिन तक 157 कार्यदिवसों में पढ़ाई कराई जाए।

विद्यार्थी-शिक्षकों के लिए प्रस्तावित गाइडलाइन

क्लास रूम व स्कूल

  • स्कूल के फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, शौचालय, पानी की टंकियां को अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाए।
  • स्कूलों में हाथ धोने के पर्याप्त इंतजाम किए जाने चाहिए।
  • यथासंभव हर क्लास के बाहर फुट ऑपरेटेड सैनिटाइज स्टैंड की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए भामाशाह, विद्यार्थी कोष और विकास कोष की राशि का उपयोग किया जाएगा।
  • अलग-अलग कक्षाओं के आगमन और प्रस्थान का समय भी अलग-अलग रखने का प्रस्ताव दिया गया है।
  • स्कूलों में पर्याप्त मास्क की व्यवस्था की जाएगी।

विद्यार्थी और शिक्षक

  • विद्यार्थी पेन, नोटबुक और किताब साझा नहीं कर सकेंगे।
  • विद्यार्थी अपने कक्ष में ही भोजन करेंगे और यथासंभव बच्चे पानी की बोतल खुद ही लाएंगे। बोतल नहीं लाने की स्थिति में स्कूल में ही स्वच्छ पानी का इंतजाम करवाना जरूरी होगा।
  • शिक्षक स्टाफ कक्ष में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
  • स्टाफ और विद्यार्थियों को मास्क लगाकर आने के लिए सख्ती से पाबंद किया जाए। मास्क या फेसकवर के बिना किसी आगंतुक को स्कूल परिसर में प्रवेश न करने दिया जाए।
  • मिड डे मील में सूखा राशन ही वितरित किया जाए।

स्कूलवाहिनी सैनिटाइज होगी

  • स्कूल वाहिनी के उपयोग से पहले उसको अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाए। यथा संभव बच्चों के बैठने का स्थान बदला नहीं जाए।
  • बालवाहिनी के ड्राइवर व कंडक्टर के लिए कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना जरूरी होगा।
  • स्कूलों के बाहर ठेले और खोमचे वाले विक्रेताओं का आना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।

बीमार बच्चों के लिए ये नियम

  • जिला व ब्लॉक स्तरीय मेडिकल अफसर से संपर्क कर स्कूलवाइज टीम गठित की जाए। स्टाफ व बच्चों की नियमित मेडिकल जांच कराई जाए।
  • बीमारी के कारण स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थी के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जाए।
  • कक्षा 1 से 8 तक पूर्व की भांति स्माइल प्रोजेक्ट, शिक्षावाणी से ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *