कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर सभी नियमित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें तीन मई तक रद्द करने की घोषणा के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि उसके बाद घरेलू तथा अंतरार्ष्ट्रीय यात्री विमान सेवा शुरू करने पर विचार किया जा सकता है। वहीं ‘कोविड-2020 और उसके बाद’ विषय पर आयोजित चर्चा में एयर इंडिया और रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि लोगों में हवाई यात्रा को लेकर डर होगा।
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाने के सरकार के फैसले के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अगले 19 दिन के लिए नियमित यात्री उड़ानें रद्द करने की घोषणा की। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा “सभी नियमित घरेलू और अंतरार्ष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन तीन मई की रात 11.59 मिनट तक के लिए निलंबित किया जाता है।”
पुरी ने एक ट्वीट में कहा “लॉकडाउन 03 मई तक बढ़ाने के ठोस कारण थे। हम उसके बाद घरेलू और अंतरार्ष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों पर से प्रतिबंध हटाने पर विचार कर सकते हैं। मैं उन लोगों की परेशानी समझाता हूँ जिनके लिए यात्रा करना जरूरी है और उनसे धैर्य रखने का अनुरोध करता हूं।” कोविड-19 के मद्देनजर देश में आने और यहाँ से जाने वाली सभी अंतरार्ष्ट्रीय उड़ानें 22 मार्च से रद्द हैं। घरेलू उड़ानों को भी 25 मार्च से निलंबित कर दिया गया है। पूरे देश में 25 मार्च से लागू 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि मंगलवार को समाप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह देश के नाम संबोधन में इसे 19 दिन और बढ़ाकर तीन मई तक जारी रखने की घोषणा की है।
विमान सेवा शुरू होने के बाद भी यात्रा करने से डरेंगे लोग : लोहानी
कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर जारी लॉकडाउन खुलने के बाद विमान सेवा शुरू होने के बावजूद लोग यात्रा करने से परहेज कर सकते हैं जिसे देखते हुये पर्यटन उद्योग ने सरकार से ‘आसपास पर्यटन’ को बढ़ावा देने की मांग की है। ‘कोविड-2020 और उसके बाद’ विषय पर आयोजित चर्चा में एयर इंडिया और रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि लोगों में हवाई यात्रा को लेकर डर होगा। खासकर वे लंबी दूरी की यात्रा करने से डरेंगे। चर्चा के दौरान कुछ विशेषज्ञों द्वारा विमान में बीच की सीट खाली छोड़ने के विकल्प पर लोहानी ने कहा कि इससे यात्रा का खर्च बढ़ सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विमान सेवा कंपनियों को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि विमान ईंधन को जल्द से जल्द वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का समय आ गया है। साथ ही एयरलाइंस को हवाई अड्डा शुल्क और नेविगेशन शुल्क आदि में रियायत दी जानी चाहिए।
जल्द से जल्द घरेलू उड़ानों की दी जाए अनुमति
निजी विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों से एयरलाइंस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उनका राजस्व शून्य हो गया है। उन्होंने भी विमान ईंधन को जीएसटी में लाने और विमान ईंधन के लिए अतिरिक्त क्रेडिट उपलब्ध कराने की मांग की। चर्चा में शामिल विशेषज्ञों ने लॉकडाउन खुलने के बाद जल्द से जल्द घरेलू उड़ानों की अनुमति देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘आसपास पर्यटन’ को बढ़ावा देने के उपाय कर सकती है। इससे पर्यटन एवं परिवहन उद्योग को पटरी पर लौटने में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय विमानन, एयरोस्पेस एवं ड्रोन फाउंडेशन के अध्यक्ष सनत कौल ने उड़ान के लिए आने वाले हर यात्री के पास कोरोना मुक्त होने का प्रमाणपत्र अनिवार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यात्रियों के लिए यात्रा से दो-तीन पहले ‘कोविड-19’ जाँच कराना अनिवार्य किया जा सकता है। जब यात्री हवाई अड्डे पर आयेगा तो उसके पास कोरोना मुक्त होने का प्रमाणपत्र होना चाहिए।