कर्नाटक के यादगीर जिले के येरागल गांव में कम से कम 15 गायें फूड पॉइजनिंग से मर गई हैं. बताया जा रहा है कि जेडीएस की रैली के बाद वेस्ट खाने को खाकर वे बीमार पड़ीं और उनकी मौत हो गई. जनता दल सेक्यूलर ने 24 मार्च को गुरमित्कल विधानसभा में पार्टी उम्मीदवार शरणगौड़ा कंडाकुर के समर्थन में पंचरत्न यात्रा की शुरुआत की थी, जहां बड़ी संख्या में समर्थक जुटे थे।
इवेंट के बाद यहां शिरकत करने वाले लोगों के लिए खाने के इंतजाम भी किए गए थे, और वेस्ट फूड्स यहीं पास के एक खेत में फेंक दिया गया था. आमतौर पर यहां के किसान जानवरों को चरने के लिए खेतों में खुला छोड़ देते हैं, और चरने के बाद वे अपने शेल्टर में शाम होते ही वापस लौट जाती हैं।
30-35 गायों ने खाया फेंका हुआ खाना
आमतौर पर किसानों को ये उम्मीद होती है कि जानवर खाने के बाद खुद ही वापस लौट आएंगे, लेकिन जेडीएस की रैली के बाद, खेतों में फेंके गए वेस्ट खाने के लिए 30-35 गायें पहुंच गईं और वे अगले दिन तक भी वापस नहीं लौटीं. खेतों में बड़ी मात्रा में पके हुए चावल फेंके गए थे. बाद में कुछ स्थानीय लोगों ने नोटिस किया कि गायों के पेट फुले हैं तो उन्होंने अथॉरिटी को इस बारे में जानकारी दी।
15 गायों की मौत, 20 का चल रहा इलाज
टाइम्स ऑफ इंडिया ने पशुपालन विभाग के डायरेक्टर राजू देशमुख के हवाले से बताया कि जानकारी मिलने के बाद वे गांव में पहुंचे, और जानवरों की जांच की तो पता चला कि 9 गायें तबतक मर चुकी थीं. बाद में ऑटोप्सी के लिए सैंपल भेजा गया तो पता चला कि गायों की मौत फूड पॉइजनिंग की वजह से हुई. उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक गायों ने कम से कम 5-6 किलो चावल खाई थी, खाना सड़ चुका था. विभाग के अधिकारी ने बताया कि 6 गायों का इलाज किया जा रहा था, जिसने दम तोड़ दिया. इनके अलावा 20 गायों का इलाज चल रहा था और वे खतरे से बाहर थीं।