रियाज़ खैराबादी का ये शेर और ये दर्दनाक कहानी…गरीबी की इंतहा तो देखिए एक 60 साल की औरत अपने पति और मां की लाश का अंतिम संस्कार तक नहीं पाई. वो कई दिनों तक लाशों को घर के अंदर ही रखे रही. यह घटना रविवार को तब सामने आई जब तमिलनाडु के गोबिचेट्टीपलायम में उसके घर से दुर्गंध आ रही थी और पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी।
पुलिस ने महिला की पहचान शांति और मृतक की पहचान 73 वर्षीय मोहनसुंदरम के रूप में की है. उनकी सास कनकंबल की उम्र 80 साल थी. कुमनन गली में मोहनसुंदरम और शांति अपने मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटे 35 वर्षीय सरवनकुमार के साथ रह रहे थे. शव क्षत-विक्षत अवस्था में थे. शांति के पति की मौत करीब 15 दिन पहले हुई होगी और उसकी मां की करीब पांच दिन पहले।
रिश्तेदारों ने पैसा नहीं मांगना चाहती थी महिला
उसके पास पैसे नहीं थे और वह उदास थी. हालांकि उसके रिश्तेदार थे, लेकिन वह शवों का दाह संस्कार करने के लिए किसी के पास नहीं जाना चाहती थी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेज दिया और उनके रिश्तेदारों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
गार्ड था पति, गरीबी के साए में जिंदगी
मोहनसुंदरम पड़ोस में चौकीदार का काम करता था. पुलिस ने कहा कि वह और कनकंबल करीब चार महीने पहले बीमार पड़ गए थे. मोहनसुंदरम परिवार के अकेले कमाने वाले थे. पुलिस ने कहा कि उसकी तबीयत खराब होने के बाद कोई भी नहीं था जो परिवार का गुजर बसर कर सके. परिवार के सदस्य जो कुछ भी बचाते थे पूरा खर्च उस पर चल रहा था।
घर से आने लगी थी बदबू
पुलिस ने परिवार के बारे में पूछताछ के बाद कहा कि शांति पिछले कुछ महीनों से अलग थी और कभी घर से बाहर नहीं निकली. कुछ दिन पहले जब पड़ोसियों ने उससे गंध के बारे में पूछा तो उसने कथित तौर पर उन्हें बताया कि यह चूहों के कारण है. पुलिस ने शुरू में CRPC की धारा 174 (आत्महत्या पर पूछताछ और रिपोर्ट करने के लिए पुलिस) के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में इस निष्कर्ष पर पहुंची कि दोनों मौतें प्राकृतिक थीं।