आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक सेक्टर में नौकरी जाने की बड़ी वजह:HR लीडर छंटनी के लिए भी ले रहे सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम का सहारा

दुनियाभर में तेजी से बढ़ते ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के प्रयोग के चलते इनसानी नौकरियां घट रही हैं। लागत घटाने और मंदी की आशंका के नाम पर सबसे ज्यादा छंटनियां टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों में ही हो रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न केवल इनसानों की जगह ले रहा है, बल्कि छंटनी करने के लिए भी HR अधिकारी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह बहुत आश्चर्य की बात नहीं है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में फैसले लेने में आसानी और तेजी के लिए इस्तेमाल होने वाला AI अब छंटनी के लिए लिस्ट बनाने में भी उपयोग किया जा रहा है। आउटप्लेसमेंट कंपनी चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस के मुताबिक बीते महीने अमेरिका में टेक कंपनियों में लगभग 42,000 छंटनियां हुईं जो अभी तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।

टेक रिसर्च फर्म गार्टनर की शाखा कैप्टेरा की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सर्वे किए गए 98% HR लीडर ने माना कि 2023 में अगर मंदी आती है तो लेबर कॉस्ट में कमी करने के लिए वे किसी न किसी सॉफ्टवेयर और एल्गोरिदम पर निर्भर रहेंगे। दिहाड़ी कामगारों का प्रबंधन एल्गोरिदम के जरिए करना कोई नई बात नहीं है।

2021 में ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया था कि अमेजन अपने फ्लेक्स डिलीवरी ड्राइवर को ट्रैक कर रही थी, जिनमें से कुछ को ऑटोमेटेड ईमेल के जरिए नौकरी से हटाया गया क्योंकि एल्गोरिदम ने तय किया कि वे अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहे थे।

हालांकि, ऑफिस वर्कर फिलहाल इस तरह की जांच से बच गए हैं क्योंकि उन्हें इसी तरह ट्रैक करने के लिए डेटा मौजूद नहीं है। लेकिन वर्कफोर्स प्रोडक्टिविटी स्कोर की बढ़ती लोकप्रियता के साथ उनकी ट्रैकिंग भी संभव हो रही है। उनके की-बोर्ड के हर स्ट्रोक और माउस की क्लिक पर नजर रखने के लिए AI सक्रिय हो रहे हैं और उनकी प्रोडक्टिविटी के आधार पर छंटनी की लिस्ट में उन्हें शामिल कर सकते हैं।

विवाद का शिकार हुआ अमेजन का बनाया गया ऑटोमेशन टूल

कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक अमेजन ने नौकरी के आवेदकों की छंटनी के लिए एक ऑटोमेटेड टूल बनाया था। सिस्टम को उन लोगों के पुराने डेटा को देखने के लिए प्रशिक्षित किया गया, जिन्होंने अतीत में रिज्यूमे जमा किया था। लेकिन क्योंकि टेक इंडस्ट्री पुरुष-प्रधान है और अधिकांश पिछले उम्मीदवार पुरुष थे, इसलिए आवेदन करने वाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में अमेजन ने इस प्रोग्राम को बंद कर दिया था।

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