जानें कौन हैं जयवीर सिंह, जिन्होंने तोड़ दिया सपा का तिलिस्म, अब मंत्री पद का मिला ईनाम
इटावा/मैनपुरी। समाजवादी पार्टी (सपा) के मजबूत किले के रूप में जाने और पहचाने वाले मैनपुरी से पहली दफा जीत हासिल करने वाले जयवीर सिंह को योगी सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया है। कभी समाजवादी गढ के रूप में पहचाने जाने वाले आगरा, इटावा, फिरोजाबाद, कन्नौज, एटा, फर्रूखाबाद आदि संसदीय सीटो पर भाजपा का झंडा फहरा रहा है लेकिन मैनपुरी संसदीय सीट पर अर्से से भाजपा की कब्जा करने की मंशा पूरी नही हो पा रही है।
जयवीर सिंह ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले है और मैनपुरी संसदीय सीट पर ठाकुर जाति के मतदाताओ की तादाद ठीक ठाक तो है ही, ओबीसी मतदाता भी खासी तादात मे है। इस लिहाज से भाजपा सपा की मजबूत घेराबंदी करके मैनपुरी संसदीय सीट पर कब्जा करने का मन बनाये हुए है। राजनीतिक पंडित ऐसा मानते है कि जयवीर सिंह को 2024 संसदीय चुनाव मे भाजपा अपना उम्मीदवार भी बना सकती है।
पिछले साल हुए पंचायत चुनाव मे भाजपा ने 30 साल से सपा के कब्जे वाली जिला पंचायत सीट पर अर्चना भदौरिया के रूप मे कब्जा तो किया ही, साथ ही नौ ब्लाक प्रमुख सीटो मे सात पर भाजपा के ब्लाक प्रमुख बने है। यह कुछ ऐसे उदाहरण है जो भाजपा को मजबूती प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे है। जयवीर सिंह के जरिये भाजपा मैनपुरी संसदीय सीट के पर कब्जा करने के साथ साथ कन्नौज ओर फ़िरोज़ाबाद संसदीय सीट पर अपनी जड़ें मजबूत रखना चाहती है। जयवीर सिंह ने आज कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
जयवीर सिंह के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र मैनपुरी के अलावा इटावा फिरोजाबाद में हर और जश्न ही जश्न मनाया जा रहा है। इससे पहले भी जयवीर सिंह बसपा, सपा सरकारों में मंत्री के रूप में काम कर चुके है। दो विधानसभा चुनाव से सपा के कब्जे में रही सीट इस बार भगवा लहर में भाजपा की झोली में चली ही गई। मैनपुरी विधानसभा सीट पर इस बार सपा और भाजपा ने अपना पूरा दम झोंक रखा था। भाजपा ने सभी अटकलों को खत्म कर पूर्व मंत्री रहे जयवीर सिंह पर भरोसा जताया था और सदर सीट से लड़ाया था।
जिसका परिणाम ये रहा कि लगातार 10 वर्षों से सपा के कब्जे में रही विधानसभा सीट को भाजपा ने अपनी योजनाओं और रणनीति के बूते छीन लिया। इस सीट पर जयवीर सिंह को 99,814 वोट मिले जबकि प्रतिद्वंदी सपा प्रत्याशी राजकुमार यादव 93,048 वोट मिले। दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई लेकिन जीत का सेहरा जयवीर सिंह के सिर पर सजा। जयवीर सिंह इंटरमीडिएट तक पढ़े हैं और उनकी संपत्ति 4 करोड 12 करोड़ रुपये है।
मैनपुरी सदर सीट से जीत हासिल करने वाले जयवीर सिंह ने अपना राजनीतिक करियर ग्राम प्रधान पद के चुनाव से शुरू किया था। वहां से होते हुए वो प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा तक पहुंचे है। जयवीर सिंह के परिवार के कई सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं। जयवीर सिंह का जन्म 2 अक्तूबर 1958 को फिरोजाबाद जिले के गांव करहरा में हुआ। उनके पिता वेदपाल सिंह एक साधारण इंसान थे। जयवीर सिंह की प्राथमिक शिक्षा सिरसागंज के एक स्कूल से हुई। ग्रेजुएशन करने के बाद जयवीर सिंह ने राजनीति का रुख किया।
लोगों की मदद में आगे रहने वाले जयवीर सिंह ने अपना पहला चुनाव ग्राम प्रधान का लड़ा। वो अपने गांव करहरा के ग्राम प्रधान चुने गए। इसके बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें कांग्रेस का ब्लाक अध्यक्ष बनाया गया था। जयवीर पहली बार 2002 के चुनाव में मैनपुरी जिले की घिरोर से विधायक चुने गए। साल 2003 में उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। वो 2007 में दोबारा विधायक चुने गए। उन्हें मायावती की सरकार में सिंचाई यांत्रिक विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए।
जयवीर सिंह के साथ उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। उनकी पत्नी रीता सिंह जिला सहकारी बैंक जनपद फिरोजाबाद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। जयवीर सिंह के 2 बेटे हैं। उनके बेटे अतुल प्रताप सिंह अभी फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी अमृता सिंह ब्लाक प्रमुख हैं। वहीं जयवीर सिहं के दूसरे बेटे सुमित प्रताप सिंह परिवार का व्यवसाय संभालते हैं। उनकी पत्नी हर्षिता सुमित प्रताप सिंह फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष है। ठाकुर जयवीर सिंह का परिवार व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। उनका परिवार कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, रिजार्ट और गाड़ियों के व्यवसाय से जुड़ा हुआ है।