कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरे देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते रसोई गैस की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसके लिए सिलेंडर गैस की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने भी अपनी कमर कस ली है। एचपीसीएल के चेयरमैन मुकेश सुराणा ने एएनआई को बताया है कि उन्होंने एक सिस्टम तैयार किया है जिससे लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से गैस सिलेंडर मिलता रहे।
मुकेश सुराणा ने बताया कि हमारे 90 फीसदी डिलीवरी ब्वॉयज पूरी तत्परता से काम में जुटे हुए हैं। हमने ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिसमें उपभोक्ता एक सिलेंडर लेने के 14 दिन बाद ही दूसरी बुकिंग कर पाएगा। लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको जरूरत के हिसाब से सिलेंडर मिलता रहेगा।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में एलपीजी गैस सिलेंडर की मांग में 20 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। जबकि लॉकडाउन से होटल और कैंटीन बंद रहने और शादियां टलने की वजह से कॉमर्शियल सिलेंडर की मांग पांच फीसदी रह गई है।
पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि एलपीजी, सीएनजी और पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है। मांग के मुताबिक उपभोक्ताओं को एलपीजी गैस सिलेंडर मुहैया कराने के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
गैस एजेंसियों से जुड़े लोगों का कहना है कि उपभोक्ताओं में डर है कि एलपीजी की किल्लत हो सकती है। इसलिए वह गैस बुक करा रहे हैं। सबसे ज्यादा मांग दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार से आ रही है। रसोई गैस के कारोबार से जुड़े जानकार मानते हैं कि सामान्य तौर पर रसोई गैस की मांग और बुकिंग में इतनी वृद्धि नहीं होती है।
वहीं, हाल ही में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त में गैस सिलेंडर देने की भी घोषणा की थी। केंद्र सरकार की इस घोषणा से देश के करीब 8.3 करोड़ गरीब परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।