कोरोना को लेकर इतनी लापरवाही, कोविड 19 पॉजिटिव मिले डॉक्टर का क्लीनिक देखने आ रहे लोग

दिल्ली के मौजपुर के मोहनपुरी में स्थित मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सरकार ने सैकड़ों लोगों को क्वारंटाइन करने की जानकारी दी है। वहीं, गुरुवार को इस क्लीनिक के आसपास अच्छी खासी चहल-पहल देखी गई। लोग यहां क्लीनिक को देखने पहुंच रहे हैं। सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट की तरफ से जगह-जगह इस मोहल्ला क्लीनिक में 12 से 18 मार्च के बीच आने वाले लोगों को अगले 15 दिन तक अपने आप को अपने घरों में सुरक्षित करने संबंधी पोस्टर भी लगाए गए हैं, लेकिन इन पोस्टर का भी लोगों पर कोई असर नहीं हो रहा है। 

क्लीनिक के बगल वाले मकान में रहने वाले परिवार ने बताया कि बुधवार रात गुरुतेग बहादुर अस्पताल से एक एंबुलेंस आई थी। वह उनके पड़ोस की 25 महिलाओं को लेकर गई थी। अस्पताल में इन महिलाओं का कोई टेस्ट नहीं किया गया। स्वास्थ्य संबंधी पूछताछ के बाद उन्हें 15 दिन तक घर में रहने की सलाह के साथ वापस भेज दिया गया। इस क्लीनिक में 12 से 18 मार्च के बीच आसपास के लोग ही दिखाने आए थे। इसलिए पूरे इलाके को निगरानी में रखने की जरूरत थी। लेकिन, गुरुवार दोपहर यहां का नजारा देखने के बाद ऐसा नहीं लगा कि किसी सरकारी एजेंसी की उन पर निगरानी है। पड़ोसी अपने घरों के बाहर खड़े थे। गली में लोग आ-जा रहे थे।

तीन कर्मचारी कार्यरत थे
मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर के साथ तीन अधीनस्थ कर्मचारी भी कार्यरत थे। तीनों ने 12 से 18 मार्च तक डॉक्टर के साथ ड्यूटी की थी। इसमें एक कर्मचारी बवाना, दूसरा गौतमपुरी व तीसरा मेरठ का रहने वाला है। मेरठ वाला कर्मी शाहदरा में अपनी बहन के पास रहता था जो अब अपने घर चला गया है। डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर कर्मचारियों को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। जहां उनसे कुछ स्वास्थ्य संबंधी सवाल पूछने के बाद घर जाने को कह दिया गया।

पड़ोसी भयभीत, नाराजगी जताई
यह मोहल्ला क्लीनिक सघन आबादी वाले क्षेत्र में है। ऐसे में आसपास में रहने वाले लोग बहुत भयभीत हैं। बातचीत में उन्होंने कहा कि यहां जो लोग क्लीनिक देखने आ रहे हैं उन पर रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं, पड़ोस की गलियों को सेनेटाइज किया गया है, लेकिन यहां अभी तक कोई सेनेटाइजेशन नहीं हुआ है। जो लोग डॉक्टर के सीधे संपर्क में आए थे उन्हें भी आइसोलेशन में नहीं रख वापस भेज अपने घरों में रहने को कहा गया है। लोगों ने संबंधित एजेंसियों पर उचित प्रक्रियाएं नहीं अपनाने का आरोप भी लगाया।

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