सिंगापुर की एक अदालत ने केंद्रीय मंत्रालय द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के बावजूद एक मेड को काम पर रखने और कानूनी प्रक्रिया को बाधित करने को लेकर भारतीय मूल के एक दंपत्ति को जेल की सजा सुनाई। सैयद मोहम्मद पीरन सैयद अमीर हमजा ने एक इंडोनेशियाई घरेलू हेल्पर को काम पर रखने के लिए अपने बिजनेस एसोसिएट की पहचान का इस्तेमाल करके मंत्रालय के ब्लैक लिस्ट की अवहेलना की थी। दोनों को 36 हफ्ते की जेल की सजा दी गई है।
41 साल की हमजा ने कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने और एक कामकाजी पास हासिल करने के लिए अपने सहयोगी को झूठी सूचना देने के लिए उकसाने के आरोप स्वीकार किए हैं। हमजा की पत्नी सबा परवीन (37) भारत की स्थायी निवासी है। जुर्म स्वीकार करने के बाद उसे तीन दिन के कारावास की सजा सुनाई गई। दंपत्ति की इंडोनेशियाई घरेलू सहायिका अमीना ने शिकायत दर्ज कराई थी कि दंपत्ति ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
‘टुडे’ अखबार के मुताबिक अदालत ने अमीना को सैलरी का भुगतान नहीं करने के आरोप को भी सजा सुनाते समय ध्यान में रखा था। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट जज जेनिफर मैरी ने अमीना को हर दिन पर्याप्त आराम नहीं दिए जाने के मामले में दंपत्ति को रिहा किए जाने के बाद भी बरी नहीं करने का फैसला सुनाया, आसान भाषा में इसका मतलब ये है कि यदि उनके खिलाफ नए सबूत सामने आते हैं तो भविष्य में इन आरोपों के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।
सबा को 2014 में भी अपनी घरेलू हेल्पर को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया था और दंपत्ति को 30 जून 2019 तक में ब्लैक लिस्ट में रखा गया था। इसके बाद हमजा ने अपने सहयोगी सुरेश मुरुगैयान को इस बात के लिए राजी किया कि वह अपने नाम से घरेलू सहायिका को भर्ती करे, जो उसके घर कामकाज कर सके।