लद्दाख के गांवों में हाईस्पीड इंटरनेट से मिलेगी चीन को चुनौती, जानें- नए दौर के युद्ध में क्यों है अहम

भारत लद्दाख में चीन से सटी सीमाओं के पास बसे गांवों में इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। लद्दाख के चुमार और डेमचोक समेत अन्य अहम लोकेशनों पर हाई-स्पीड इंटरनेट की रणनीति तैयार की जा रही है। सरकार ने एक संसदीय पैनल को बताया है कि बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान (बीएडीपी) के तहत सीमाई इलाकों के करीब 14,708 गांवों में टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने पर काम किया जा रहा है। संसद में एक रिपोर्ट पेश करते हुए पैनल को बताया गया कि 236 रिहायशी गांवों में से 172 के पास टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं। इनमें से 24 गांवों में 3G और 78 गांवों में 4G नेट कनेक्टिविटी है।

गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सीमा पर बसे करीब 1860 गांवों में लोकल गवर्मेंट डायरेक्टरी कोड विकसित करने की कोशिशें जारी हैं। जबकि 14,708 गांवों में टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्र्क्चर को विकसित करने की बात कही गई है। डेमचोक के कुछ इलाकों में 4G सेवाओं शुरू की जा चुकी हैं। इससे जवान और उनके परिवारों के बीच संवाद भी आसान हुआ है।

सीमांत गांवों से रुकेगा पलायन तो चीन को भी मिलेगी टक्कर

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पैनल ने लद्दाख के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने की सिफारिश की है। खासकर वैसे गांव जो ज़ीरो-बॉर्डर जैसे चुमार और डेमचोक में हैं। इसके जरिए लोगों के पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्ण रूप से विकसित करने में लंबा वक्त लेगेगा। सरकार ने इस संबंध में ऊर्जा मंत्रालय से भी जरुरी एक्शन लेने के लिए आग्रह किया है। साल 2020 में बीएडीपी की गाइडलाइंस में कहा गया था कि सीमा से 0-50 किलोमीटर की दूरी पर बसे गांवों को पूरी तरह से कवर किया जाए। इंटरनेट और बिजली की आसान पहुंचे से सीमांत गांवों से पलायन रुकेगा, जो सीमा की सुरक्षा के लिहाज से अहम है।

चीन ने सीमा के पास बिछाई है ऑप्टिकल फाइबर

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की सीमा है। इनमें से 1,597 किलोमीटर का इलाका लद्दाख में पड़ता है। जबकि अन्य हिस्से अरुणाचल प्रदेश, सिक्कमिक, हिमाचल और उत्तराखंड में आते हैं। चीन के पास बेहतर टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है जिसकी वजह से पीएलए चीन की सीमा के पास आसानी से पेट्रोलिंग कर पाता है। भारत अगर अपनी सीमा में टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करता है तो इससे जवानों को जल्द सूचना मिलने और सीमा के पास उन्हें पेट्रोलिंग करने में भी आसानी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने सीमा के पास बड़े पैमाने पर ऑप्टिकल फाइबल केबल्स बिछाई हैं। इसके जरिए चीनी सेना को सूचनाएं मिलने में आसानी होती है और नए तरह के युद्ध में सूचना भी एक बड़ा हथियार है। ऐसे में भारतीय सेना भी पीछे नहीं हटना चाहती।

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