सूर्य ग्रहण का बहुत अधिक वैज्ञानिक, धार्मिक और ज्योतिष महत्व होता है। इस साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगने जा रहा है। जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढंक जाता है। यह घटना सूर्य ग्रहण कहलाती है। सूर्य ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ व मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
सूतक काल-
- सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। जिसके कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
- सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा-
- साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक के दक्षिणी भाग और दक्षिण अफ्रीका में दिखाई देगा।